Introduction
अगर आप Short Story in Hindi With Moral ढूंढ रहे थे, तो आप बिलकुल सही जगह पर आये हैं। ये कहानी है एक शेरनी के बच्चे की।
खुद को पेहचानो – Short Story in Hindi With Moral
एक वक़्त की बात है, शेरनी ने जंगल में एक बच्चे को जन्म दिया और जन्म देते ही वह उसी जगह पर मर गई। उतने में उधर से कई सारी भेड़ गुजर रही थी, वह शेर का बच्चा जिसने अभी-अभी दुनिया में कदम रखा था, उन भेड़ों के साथ मिलकर चला गया।
अब वह शेरनी का बच्चा उन भेड़ो के साथ ही रहने लगा और उन भेड़ो के साथ रहने की वजह से, वह खुद को एक भेड़ ही समझ रहा था। उसने कभी मांस नहीं खाया और वो उन भेड़ों के साथ मिलकर, घास खाने लगा था।
उसे कुछ आईडिया ही नहीं था कि एक शेर कैसे रहता है और कैसे अपनी जिंदगी गुजरता है! और उसे यह तक नहीं पता था कि वह एक शेर है। क्योंकि उसके चारों तरफ भेड़-ही – भेड़ थी और भेड़ के ही साथ में रहने लगा था।
उसने कभी शेर की तरह नहीं दहाड़ा। फिर समय गुजरता गया और वह शेर का बच्चा एक जवान शेर बन गया। वह भेड़ों के झुंड में बिल्कुलअलग ही दिख रहा था! लेकिन भेड़ों के साथ रहकर, भेड़ों को उसकी आदत हो गई।
एक दिन एक बूढ़े शेर ने उन भेड़ों के झुंड पर हमला कर दिया! जब उस बूढ़े शेर ने, भेड़ों के झुंड में उस जवान शेर को देखा तो वह हैरान हो गया। उसे अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हो रहा था। उसने देखा कि एक जवान शेर भेड़ों के साथ घूम रहा है।
उसने पहले कभी ऐसा नहीं देखा था, वह भूल गया कि वह वहां पर भेड़ों को पकड़ने आया था। उसने सोचा कि वह शेर से बात करेगा और पूछेगा कि यह सब क्या हो रहा है। उस बूढ़े शेर ने भेड़ों के झुंड पर फिर से हमला किया, उस शेर को पकड़ने के लिए।
भेड़ों में जैसे ही उस बूढ़े शेर को देखा तो सब अपनी जान बचाकर भागने लगे! और उन भेड़ों के साथ वह शेर भी अपनी जान बचाकर भागने लगा। कुछ देर के बाद उस बूढ़े शेर ने उस जवान शेर को पकड़ लिया।
बूढ़े शेर ने उस जवान शेर को पड़कर यह कहा ” अरे बेवकूफ! तू मुझे देखकर भाग क्यों रहा है? जवान शेर ने रोते हुए का ” प्लीज मुझे छोड़ दो! मैं एक साधारण सा भेड़ हूं, मुझे जाने दो। ” वो उस बूढ़े शेर को देखकर, एक भेड़ की तरह कांप रहा था।
बूढ़ा शेर ये सुनकर हैरान हो गया और वह समझ गया कि यहां पर क्या हो रहा था। बूढ़ा शेर उस जवान शेर को एक नदी के पास लेकर गया। यंग शेर वहां से भागने की कोशिश कर रहा था।
लेकिन बूढ़े शेर ने उसको नदी की तरफ धकेलते हुए कहा ” कि अपने आप को इस पानी में देख! ” नदी का पानी पूरी तरह से शांत था! बूढ़े शेर ने जवान शेर को कहा कि अपने चेहरे को इस नदी में देखो और फिर मेरे चेहरे को देखो।
अपनी बॉडी को नदी में देखो और फिर मेरी बॉडी को देखो! उस जवान शेर ने डरते हुए अपना चेहरा नदी में देखा और जैसे ही उसने अपना चेहरा नदी में देखा तो हैरान हो गया। उसने देखा कि वह एक भेड़ की तरह नहीं, बल्कि एक शेर की तरह दिखता है।
वह रियलिटी को समझ गया कि वह एक भेड़ नहीं बल्कि एक शेर है। और एक सेकंड के अंदर ही उसने एक शेर की तरह दहाड़ा।
उसकी दहाड़ को सुनकर पूरा जंगल कांप गया! उसने अपने आप को पहचान लिया, अपनी पावर्स को पहचान लिया। और तभी उसने अपने आप में एक ऐसी एनर्जी महसूस की, जो उसने आज से पहले कभी नहीं की थी।
फिर उसने सोचा कि ” एक भेड़ की तरह जीना रियलिटी नहीं थी, वह सिर्फ एक मेंटली कॉन्सेप्ट था। पर अब वो रियलिटी को जान चुका था।
इस कहानी से बहुत ही डीप मैसेज निकलकर सामने आता है: अपने अंदर से उस वीकनेस को निकालो जो आपके अंदर झूठ बोल बोल कर बैठा है! आप भी एक शेर की तरह हो! जो भेड़ों के बीच फंस चुके हो।
आपके आसपास जितने भी लोग हैं वह आपको यह फील कराते हैं कि " आप अपनी लाइफ में कुछ नहीं कर सकते हो! " क्योंकि कहीं-ना-कहीं आप भी उनके साथ रह-रहकर, उनकी तरह बनने की कोशिश करते हो।
आपको इस भीड़ से अलग खड़े रहना है। और अपनी पोटेंशियल, अपनी पावर्स, और अपनी एबिलिटी को पहचानना है। और जिस दिन आप अपनी पावर्स अपनी एबिलिटी को पहचान लोगे, उस शेर की तरह तब आपको दहाड़ने से कोई भी नहीं रोक पाएगा।
सरारती चूहा – Best Short Story in Hindi With Moral
एक बार की बात है, एक अनोखे छोटे से गाँव में, मुन्ना नाम का एक शरारती चूहा रहता था। वह हमेशा मज़ाक करता रहता था, जिससे उसके आस-पास के सभी लोगों को परेशानी होती थी। एक दिन, किसान के भंडारगृह में घुसते समय, उसकी नज़र एक ऊँचे शेल्फ पर रखे पनीर के एक बड़े, रसीले टुकड़े पर पड़ी।
मुन्ना लोभ का विरोध नहीं कर सका और पनीर पाने के लिए ऊपर चढ़ने का फैसला किया। वह उछल-कूद कर उस तक पहुँचने की कोशिश कर रहा था, लेकिन शेल्फ उसके लिए बहुत ऊँचा था। निराश और दृढ़ निश्चयी मुन्ना ने एक प्लान बनाई। उसने पास में लकड़ी के बक्सों का ढेर देखा और पनीर तक पहुँचने के लिए उन्हें सीढ़ी के रूप में उपयोग करने के बारे में सोचा।
जैसे ही उसने बक्सों को एक के ऊपर एक रखा, मुन्ना और अधिक उत्साहित हो गया, यह सोचकर कि पनीर कितना स्वादिष्ट होगा। लेकिन जैसे ही वह शीर्ष पर पहुंचने वाला था, बक्से लड़खड़ा गए और गिर गए, जिससे मुन्ना जमीन पर गिर गया। वह भाग्यशाली था कि बिना किसी बड़ी चोट के बच गया, लेकिन उसे एहसास हुआ कि उसके शरारती तरीकों ने उसे नुकसान पहुंचाया है।
वहाँ बैठे, अपने आप पर दया करते हुए, मुन्ना ने पास में एक अकल्मन्द बूढ़े उल्लू को गुर्राते हुए सुना। उल्लू मुन्ना की हरकतों को देख रहा था और उसने कुछ सलाह देने का फैसला किया। उन्होंने कहा, “मुन्ना, तुम्हारी शरारतें अस्थायी खुशी ला सकती हैं, लेकिन इससे नुकसान भी हो सकता है। शॉर्टकट अपनाने और परेशानी पैदा करने की कोशिश करने के बजाय, धैर्य और कड़ी मेहनत का मूल्य क्यों नहीं सीखा जाए?”
मुन्ना को गलती महसूस हुई और उसने सहमति में सिर हिलाया। उस दिन से, उसने अपने तरीके बदलने का फैसला किया। उसने गाँव के अन्य जानवरों की मदद करना शुरू कर दिया और उसकी शरारती शरारतें, अच्छे कामों में बदल गईं जिससे सभी के चेहरों पर मुस्कान आ गई।
जैसे-जैसे समय बीतता गया, मुन्ना अपनी दयालुता और मदद के लिए जाना जाने लगा। अन्य जानवरों ने उसके परिवर्तन की तारीफ़ की और उनके जीवन पर उसके सकारात्मक प्रभाव की सराहना की। उन्होंने सीखा कि शरारती होना कुछ समय के लिए मनोरंजक हो सकता है, लेकिन दयालु और दूसरों का ख्याल रखने से स्थायी खुशी मिलती है।
और इस तरह, मुन्ना, जो एक समय शरारती चूहा था, हमेशा खुशी से रहता था और पूरे गाँव में खुशियाँ और मूल्यवान जीवन की शिक्षाएँ फैलाता था।
Moral of The Story: शरारती होने से अस्थायी खुशी मिल सकती है, लेकिन दयालु और दूसरों का ख्याल रखने से स्थायी खुशी मिलती है।
First story bohat acha hai…
very good