इस Short Motivational Story In Hindi With Moral में, एक राजा के बारे बताया गया है, जो दिब्यांग है। जिसके राज्य में कहीं कोई समस्या नहीं थी, सब लोग खुश थे।
दिव्यांग राजा– Short Motivational Story In Hindi With Moral
किसी ने बड़ी कमाल की बात कही है! कि इंसान पानी में गिरने से मरता नहीं है, बल्कि मरता तब है जब उसे तैरना नहीं आता।परिस्थितियों कभी भी समस्या नहीं बनती, समस्या तब बनती है जब उनसे निपटना नहीं आता।
यह कहानी एक दिव्यांग राजा की! जिसके राज्य में कहीं कोई समस्या नहीं थी, सब लोग खुश थे। ऊपर वाले को धन्यवाद करते थे की कितने अच्छे राजा साहब आपने हमारी जिंदगी में भेजें हैं। उस राजा दिव्यांग था, उसकी एक आंख नहीं थी और एक पैर नहीं था। लेकिन राजा कुछ बात का कोई मलाल नहीं था।
एक दिन राजा अपने महल की गैलरी में घूम रहा था और पोर्ट्रेट देख रहा था, जो शानदार पेंटिंग्स लगी थी उनको देख रहा था। वो जो शानदार पेंटिंग्स थी, वो उसके पूर्वजों की थी। उसके पिताजी की, उनके पिताजी की, उनके पिताजी की।
राजा घूमते-घूमते और पेंटिंग्स को देखते-देखते सोच रहा था कि कितने शूरवीर खानदान में मुझे जन्म मिला है। ऊपर वाले का धन्यवाद है! मेरे पिताजी इतने शूरवीर थे, उनके पिताजी इतने शूरवीर थे।
वह देखता चला जा रहा था और जब आखिरी पेंटिंग को देखा और उसके बाद में खाली जगह को देखा तो चिंता में पड़ गया। उसे मालूम था कि अब यहां पर जो पेंटिंग लगेगी वह उसकी लगेगी।
इस बात की चिंता नहीं थी कि वह मरने वाला है या मर जाएगा! मरना तो सबको है। चिंता इस बात की थी कि वहां जो पेंटिंग लगेगी वो कैसी लगेगी! राजा सोचने लगा की मेरा एक आंख नहीं है और एक पैर नहीं है और गैलरी में इतनी शानदार पेंटिंग लगी है। मेरी वाली सबसे खराब लगेगी और सबसे भद्दी लगेगी।
राजा के अंदर-ही-अंदर चिंता होने लगी की मेरे मरने के बाद में न जाने कैसी पेंटिंग बनेगी। एक काम करता हूं मैं अभी जिंदा हूं, इसी बीच में एक शानदार सी पेंटिंग बनवाता हूँ। ताकि कम से कम यह तो सुकून रहे कि मेरी अच्छी पेंटिंग वहां लगेगी।
तो उस राज्य में एलान करवा दिया और पैन्टेर्स को न्योता दिया गया कि आप आईये और राजा साहब की तस्वीर बनाइये। शानदार तस्वीर बनेगी तो शानदार इनाम भी मिलेगा। पैन्टेर्स आये और उन्हें मालूम था की शानदार बनेगी तो शानदार इनाम मिलेगा, लेकिन शानदार बनेगी कैसे!
राजा की एक आंख नहीं और एक पैर नहीं है! ऐसे राजा की क्या तस्वीर बनेगी। और पैन्टेर्स सोच रहे थे कि ” इनाम की बात छोड़िये! अगर खराब बन गई और राजा गुस्सा हो गया तो सजा मिलेगी। “
इसलिए बड़े-बड़े चित्रकार भी आगे नहीं आये, हाँ नहीं भरी। तभी एक लड़का था उसने बोला कि ” राजा साहब मैं आपकी पेंटिंग बनाना चाहता हूं, लेकिन मुझे 24 घंटे का वक्त दीजिए। “
बड़े-बड़े पैन्टेर्स आश्चर्य में पड़ गए कि लड़का क्या चाहता है? मतलब फांसी पर लटकाना चाहता है! राजा को गुस्सा दिलाना चाहता है! क्या पेंटिंग बनाएगा। राजा को भरोसा था उसने बोला कि ” ठीक है! आप बनाकर के लाइए। “
अगले दिन वह लड़का पेंटिंग बनाकर के लाने वाला था और दरबार भर चुका था। दूर-दूर से लोग आए हुए थे, ये देखने के लिए की लड़का क्या पेंटिंग बना करके लाएगा! और लड़का जब वह पेंटिंग बना करके लाया राजा की, तो हर कोई ताली बजाने लगा, सीटी बजाने लगा।
राजा ने बोला ” वह! इससे अच्छी पेंटिंग तो उस गैलरी में भी नहीं है। ये पेंटिंग अब तक की बेस्ट है। ” राजा ने उस लड़के को बड़ा इनाम दिया। अब आप सोच रहे होंगे की उस लड़के ने उस राजा की, जिसके एक आंख नहीं थी और एक पर नहीं था, उसकी क्या पेंटिंग बनाई होगी?
उस लड़के ने राजा को एक घोड़े पर सवार दिखाया। एक साइड से वह तस्वीर थी, जिसमें एक पैर दिख रहा था और राजा तीरंदाजी कर रहा था, निशाना साध रहा था। और जब निशान साधा जाता है तो एक आंख बंद हो जाती है।
वही वाली आंख बंद थी जो राजा की नहीं थी! इस तरीके से लड़के ने एक आंख बंद कर दी, एक ही पैर दिखाया, राजा को घुड़सवार दिखाए और निशाने बाज दिखाया। इतनी कमाल की पेंटिंग बनी अब तक की बेस्ट पेंटिंग थी।
उस लड़के के सामने भी चुनौती थी, संकट था। लेकिन उसने पॉजिटिविटी का साथ नहीं छोड़ा। जिंदगी में चाहे जो संकट आ जाए एक वैक्सीन की डोज़ हमेशा लगा करके चलिएगा। इसे पॉजिटिविटी की वैक्सीन कहते हैं और इसकी डोज रोजाना लगानी जरूरी है।
जिंदगी में चाहे जिस मुकाम पर हो आप जिस संकट में हो, और आप जिस भी स्थिति में हो, अगर आपने पॉजिटिविटी की वैक्सीन लगा रखी है तो यकीन मानिए आप उसे संकट से बाहर निकल आएंगे।
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