ये Short Motivational Story Hindi है, एक डॉक्टर साहब की! जो बोहत ही अच्छे दिल के थे। उन डॉक्टर साहब के साथ आगे क्या होता है? चलिए पढ़ते हैं।
short motivational story in hindi
एक डॉक्टर साहब अपने अस्पताल में दौड़े चले आ रहे थे! जितनी स्पीड में चल सकते थे, भागे चले आ रहे थे। ऑपरेशन थिएटर वाली लॉबी में आए तो उन्हें पांच लोगों ने घेर लिया और सुनाने लगे की ” अस्पताल खोल लिया है, और अपने आप को क्या समझते हो? हम कब से इंतजार कर रहे हैं! आप इतना लेट क्यों आ रहे हैं? “
को कोई शुद्ध नहीं, आपको कोई चिंता नहीं है! हमारा बच्चा ऑपरेशन थिएटर में है और हम इंतजार कर करके थक गए, आप अब आ रहे हो। डॉक्टर ने कहा “हटो! मुझे काम करना है। ” वह लोग सुनाये जा रहे थे कि ” डॉक्टर आपका बेटा होता तो क्या आप इतने आराम से आते हैं! “
आप भाग कर आते, आप जल्दी आते हैं। बहुत कुछ कह दिया डॉक्टर साहब को। डॉक्टर साहब ने कोई रिएक्ट नहीं किया, वह दौड़े चले गए ऑपरेशन थिएटर में। एक-डेढ़ घंटे तक ऑपरेशन चला।
उसके बाद बाहर निकले तो वापस इन पांच लोगों ने घेर लिया और कहा कि क्या हुआ बच्चे का? डॉक्टर ने कहा ” बच्चा अभी ठीक है और बहुत ही जलद ही रिकवर कर लेगा। ” ऐसा बोलकर वह वापस जा रहे थे।
फिर उनसे सवाल करने लगे की कब डिस्चार्ज होगा? यह होगा, वो होगा बगेरा बगेरा। डॉक्टर साहब ने कहा की आप नर्स से पूछ लीजिएगा, मुझे जाने दीजिए। और जिस स्पीड से आए थे, उससे 2 गुनना स्पीड से वह निकल गए।
यह जो 5-6 लोग थे उस बच्चे के घर से, जैसे माता-पिता, चाचा, मामा। उनको लगने लगा की कैसा घमंडी डॉक्टर है! बात तक करने की भी तमीज नहीं है। कुछ देर बाद वहां नर्स आयी। तो नर्स ने बताया ” बच्चों की हाल ठीक है। ” उनोहने कहा ” बच्चे का मत बताओ! “
पहले बताओ कि यह जो डॉक्टर है, यह इतने घमंडी क्यों है? और अहंकार किस चीज का है इनके अंदर! हमें तो यह बताओ। सीधे मुंह बात नहीं करते, आए थे तब हमने पूछा तो जवाब नहीं दिया और अब जा रहे, तब भी जवाब नहीं दे रहे।
बहुत सारे डॉक्टर हैं और, यह तो हम मुसीबत में थे इसिलये आपके यहां आना पड़ा। नर्स थोड़ा सा इमोशनल हो गई है और कहने लगी कि ” आप ऐसा मत कहिए! डॉक्टर साहब बहुत अच्छे हैं, बहुत अच्छे दिल के हैं। “
आपको शायद पता नहीं है की आज सुबह एक रोड एक्सीडेंट में, उनके बेटे की डेथ हो गई है। लेकिन हमारा फ़र्ज़ था इनेह बताना कि कोई पेशेंट आए हुए हैं ऑपरेशन थिएटर में। तो हमने कॉल किया और अपनी ड्यूटी निभाई, हमें लगा था शायद डॉक्टर साहब मना कर देंगे। लेकिन उन्होंने बिना देरी किए कहा के ” में आ रहा हूँ। “
ऑपरेशन थिएटर में गए और आपके बच्चे को का ऑपरेशन कर दिया। वो ठीक हो जाएगा, चिंता मत कीजिए। फिर वापस डॉक्टर साहब दौड़ कर गए हैं, क्योंकि शाम होने को आई है डॉक्टर साहब को अपने बेटे का अंतिम संस्कार करना है।
छोटी सी कहानी, जिसका सार यह है: की बिना किसी की सिचुएशन समझे, हम रिएक्ट कर देते हैं। हम स्थिति समझते नहीं है बस हम अपनी बात थोप देते हैं। और बाद में जब हमें सिचुएशन समझ में आती है तो अंदर ही अंदर हम गिल्ट महसूस करने लगते हैं।
इसलिए जिंदगी में कभी भी किसी की सिचुएशन जाने बगै,र कोई बात नहीं करना चाहिए।
खुदको पहचानो – Short Motivational Story Hindi
एक बड़ी छोटी सी कहानी है, एक शेरनी की। जो गर्भवती थी! एक शिकारी उसका पीछा कर रहा था और अपनी जान बचाने के लिए भाग रही थी, दौड़ रही थी। एक टीले से दूसरे टीले पर जब उसने छलांग लगायी तो उसने अपने बच्चे को जन्म दिया।
उसका बच्चा जहां नीचे गिरा, वहां से भेड़ों का एक झुंड जा रहा था। और वह बच्चा भेड़ों के बीच में शामिल हो गया। उसे भेड़ों ने ही पाला-पोसा और बड़ा किया। वह भेड़ों की तरह खुद को समझने लगा, मिमियाने लगा, और उनके जैसा ही बन गया। डरता था जब कोई बड़ा जानवर आ जाता था। किसी को देख लेता तो जान बचाकर के भाग जाता था।
कायरता उसके अंदर आती चली जा रही थी, वह भूल गया था कि वह शेर का बच्चा है। एक दिन उस भेड़ों के झुंड पर, शेरों के झुंड ने हमला कर दिया। सारी भेड़ें जान बचाकर के दौड़ने लगी।
इसने तो ढंग से दौड़ना भी नहीं सीखा था, ये पीछे रह गया। एक बूढ़ा शेर इसके पास आया और यह रोने लगा, मिमियाने लगा और कहने लगा ” मुझे छोड़ दो! मुझे छोड़ दो! मेरे दोस्त चले गए, मुझे मत खाओ। “
बूढ़ा शेर जो था वह हंसने लगा, कहने लगा अरे बेवक़ूफ़! हम तुम्हें क्यों खाएंगे! तुम तो हमारे जैसे हो। बच्चा कहने लगा ” मैं आपके जैसा नहीं हूं! मैं भेड़ हूं, मेरे साथी चले गए। मुझे छोड़ दो, वह मानने को तैयार ही नहीं था।
बूढ़ा शेर उसे घसीट कर लेकर गया और जंगल के तालाब के पास लेकर उसको बोला कि ” देख! अपने आपको इस पानी में देख! तू बिलकुल मेरे जैसा है। ” वह चौंक गया और बोला “मैं आपकी तरह दिखता हूं! “
बूढ़े शेर ने कहा हाँ! और तुम मेरी तरह दहाड़ भी सकते हो। बूढ़े शेर ने बोला कि ” चलो दहाड़ के दिखाओ! ” उसने तो मिमियाना सीखा था, वह धार नहीं पाया। बूढ़े शेर ने अपनी दहाड़ मार करके उसे बताया की कैसे दहाड़ते है।
उसके के बाद उस बच्चों ने जब जोरदार दहाड़ मारी तो पूरा जंगल कांप गया। उसकी गूंज इतनी तेज थी, बंदर पेड़ों पर से नीचे गिर गए! इतना भयानक माहौल हो गया जंगल का। उसे गर्व होने लगा कि वह भी दहाड़ सकता है! वह भेड़ का नहीं, वह शेर का बच्चा है।
छोटी सी कहानी का सार यह है: कि आप भी दहाड़ सकते हैं, आप भी उन्हीं में से हैं जो मंजिलों को पा चुके हैं। अचीवर बन चुके हैं, अचीवमेंट हासिल कर चुके हैं। जिनके सुपरस्टार कहा जाता है, जिनकी लोग तारीफ करते हैं।
हम भी उन्हीं में से हैं, हम भी मनुष्य हैं! हम सब कुछ करके दिखा सकते हैं, बस हम दहाड़ना भूल गए हैं।
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