बेवक़ूफ़ हिरण – Short Kids Story (Short Story In Hindi)

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क्या आप short kids story क्र तलाश में थे? अगर हाँ! तो ये आपके लिए बेस्ट और मज़ेदार किड्स स्टोरी (Short Story In Hindi) है। खुद भी पढ़िए और अपने बच्चों को भी सुनाईये।

Short Kids Story – Short Story In Hindi

एक जंगल में एक हिरन घास खाने के बाद इधर-उधर फुदक रहा था, कभी पूर्व में दौड़ता तो कभी पश्चिम में, वह बड़ा सरफिरा था। घर में जाता और कभी दक्षिण में चलांग लगता चला जाता।

उसे एक खरगोश ने देखा और समझाया: ” हिरण भैया! जरा संभल कर कूदो, जंगल का इलाका है, कुछ भी हो सकता है। फिर हिरन बोला: खरगोश भैया! अपनी तो चाल ही निराली है। 

अपनी छलांग मतवाली है, इस जंगल का चप्पा चप्पा मेरे कदमों की आहट पहचानता है। तुम समझे कि नहीं समझे?  फिर खरगोश बोला: ” मुझे लगता है तुम, मुझसे  ज्यादा ही समझदार हो! तुम्हें अब समझना, मेरी ना समझी होगी। “

इतना कहकर खरगोश वहां से खिसक गया और हिरण महाराज की उछाल कूद जारी रही। फिर वो एक बार जोर से दौड़ा और दौड़ता ही चला गया, अचानक सामने पत्तियों के ढेर के पीछे, गड्ढा आ गया। 

वो हिरण रुकते रुकते फिसल गया और गड्ढे में गिर गया। गड्ढा बहुत बड़ा था, इसलिए हिरण बहुत ज्यादा डर गया। वो बाहर आने के लिए कूदने लगा, लेकिन बाहर नहीं आ पाया। 

trap in the middle of the forest

उसके बाद उसने मदद के लिए गुहार लगाना शुरू कर दिया, बजाओ! बजाओ! मैं गड्ढे में गिर गया हूं! निकल नहीं पा रहा हूं,  निकाल लो भाई! इस गरीब की पुकार सुन लो!

उस गड्ढे से कुछ दूरी पर, एक बंदर आ रहा था, उसके कानों में आवाज पड़ी तो वह चारों तरफ देखने लगा। उसकी समझ में नहीं आ रहा था की आवाज कहां से रही है?

फिर वह बंदर सोचने लगा: हैं! चारों तरफ तो कोई दिखाई नहीं दे रहा, फिर यह आवाज कहां से आ रही है! कहीं कोई भूत तो नहीं।  हिरण ने उस बन्दर की आवाज़ को सुनलिया और बोला: अरे मैं कोई भूत नहीं हूं, मुझे बचा लो बड़ा उपकार होगा। 

बंदर बोला: अरे भाई तुम दिखाई क्यों नहीं पढ़ रहे हो, क्या आसमान से बोल रहे हो? फिर हिरण बोला: अरे भाई मैं गड्ढे के अंदर हूं, मैं कैसे दिखाई दूंगा! गड्ढे के पास में आओ और  मेरी मदद करो।

trap in the middle of the forest
Image from Canva

बंदर को पत्तियों के पास में एक गड्ढा दिखाई पड़ा, वो धीरे-धीरे पास में पहुंच गया! फिर उसने जब अंदर देखा, तो हिरण महाराज मदद की विनती कर रहे थे। 

बन्दर बोला: अरे हिरण भाई! तुम गधे के अंदर कैसे पहुंच गए? हिरण बोला: भैया! ना समझी के वजह से बहुत बड़ा धोखा खा गया, अब तो मैं अंदर हूं, सही ढंग से बात नहीं सकता।  खरगोश ने समझाया था, मैं नहीं समझ पाया था और गोता खा गया।

बन्दर बोला: मैं तो तुम्हें निकाल नहीं पाऊंगा अगर कोशिश करूंगा तो खुद ही गिर जाऊंगा! अब तो तुम्हें हिम्मत दिखानी होगी, ऊंची छलांग लगानी होगी!

फिर बहुत सारे जानवर वहां पर इकट्ठा हो गए और हर कोई नई-नई तरकीब सोच रहा था। खरगोश ने एक तरीका निकाला और बोला: हिरण भाई! हम तो तुमको निकाल नहीं पाएंगे, कुछ देर बाद यहां से चले जाएंगे।

इसके बाद एक भयानक बब्बर शेर आने वाला है। सुना है बड़ा खूंखार और भूखा है!अगर उसने तुम्हें यहाँ देख लिया, तो समझ लो! सीधे ऊपर का टिकट कट जाएगा।

lion in a jungle

खरगोश की बात सुनकर हिरण डर गया! जान के डर से, उसके अंदर न जाने कहां से बड़ी ताकत आई, उसने सांस खींच कर, एक ऊँची छलांग लगायी और गड्ढे से बाहर आ गया। 

बाहर आकर वह अपनी कारनामे पर इतराने लगा और कहने लगा: यह पैंतरा मेरा पुराना है! कभी-कभी इसे अजमत हूं और बहुत लंबी छलांग लगता हूं। 

तो सबके सामने अपनी बधाई हांक रहा था! उसी समय सियार ने प्रश्न किया की हिरण भाई तुम्हारी नजर तो बड़ी तेज है, इतना बड़ा गड्ढा तुम्हें दिखाई नहीं दिया? क्या गड्ढे में तुम्हें अंदर खींच लिया? अरे यार तुम सच-सच बताओ तुम गिरे कैसे?

सियार की प्रश्न पर हिरण खुश हो गया है! फिर हिरन बोला: सियार भाई! तुमने बहुत अच्छा सवाल पूछा है, मेरा दिल जीत लिया तुमने! बिल्कुल सही जगह में आ गया हूं तो इसका आंसर बताने में मुझे बहुत ज्यादा आसानी होगी।

अब सभी लोग एक जगह आ जाए! ताकि मुझे बताने में आसानी हो। मैं बताता हूं कि मैं गिरा कैसे! फिर हिरण पीछे आया और जोर से दौड़ते हुए, उसी गड्ढे में कूद गया! फिर बोला: इसी तरह में गड्ढे में गिर गया था। उसकी यह हरकत से सभी हैरान हो गए! 

फिर खरगोश बोला: अरे बेवकूफ! तुमने यह क्या कर दिया! अपने आप को फिर से गिरा लिया। हिरण बोला: हैं! खरगोश भाई! तुम नहीं समझोगे, यह अपना अंदाज है। अभी फिर से छलांग लगाऊंगा और बाहर निकल आऊंगा।

यह कहकर हिरण ने ऊंची छलांग लगाई, लेकिन बाहर नहीं निकल पाया। दो-तीन बार उसने कोशिश की, लेकिन कामयाब नहीं हुआ। 

फिर भालू बोला: यह हिरण दिमाग से पैदल है! भला कोई गड्ढे में फिर से गिरने का प्रयोग करता है। एक बार बच गया था, फिर अपने ही मूर्खता से फस गया। अब तो लगता है यह गड्ढे में ही रह जाएगा!

हिरण घबरा कर बोला: नहीं! नहीं! मैं अगर गड्ढे में रहा तो शेर मुझे खो जाएगा! मुझे बचा लो यारों!  ये तमाशा बड़ी देर तक चलता रहा, हिरण कूद कूद कर फिर से गड्ढे में फिसलता रहा।

कुछ समय बाद एक बड़ा जिराफ वहां पर आया और उसने अपना गार्डन को गड्ढे में झुकाया, फिर उसके बाद हिरण को बाहर निकाल लिया गया। जिराफ बोला: गड्ढे में गिरने के प्रयोग की मूर्खता दोबारा मत करना! वरना अंदर ही रह जाओगे। 

इस तरह से मूर्ख हिरण की जान बचाई गई, फिर उसे सब जानवरों ने जंगल में भेज दिया। 

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