Motivational Story in Hindi – 4 Motivation Kahani Hindi

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Motivation Kahani Hindi

ये Motivation Kahani Hindi आपको मोटीवेट के साथ बोहत कुछ सिख भी देगी।

ये रहे कुछ Motivation Kahani Hindi

1. 5 मेंढक – Motivational Story in Hindi 2024

एक समय की बात है, 5 मेंढक एक साथ किसी जंगल से जा रहे थे। चलते – चलते उन मेंढको में से ३ मेंढक एक बड़े से गड्ढे में गिर जाते हैं। 5 में से 3 मेंढक गड्ढे में गिर गए, तो ऊपर 2 बचे। उस गड्ढे में गिरने के बाद, वह तीनों मेंढक ऊपर चढ़ने की बहुत कोशिश करते हैं।

लेकिन वह गड्ढा बहुत बड़ा था, उस गड्ढे से बाहर निकलना इतना आसान नहीं था। अब गड्ढे के ऊपर जो 2 मेंढक बचे हुए थे, वह गड्ढे के अंदर देखकर उन तीनों मेंढकों से कहते हैं। के अब तुम तीनों इस गड्ढे से कभी बाहर नहीं निकाल सकते हो! यह बहुत बड़ा गड्ढा है। 

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तो कोशिस मत करो, तुम्हारा कोशिश करना बेकार है। यह सुनने के बाद उन तीनों मेंढकों में से एक मेंढक को लगता है, कि सही बोल रहे हैं! यह गड्ढा बहुत ही बड़ा है और हम यहाँ से नहीं निकल सकते हैं। 

तो वो मेंढक थोड़ी देर कोशिश करने के बाद, हार मान लेता है। और उसी गड्ढे में एक जगह आराम से जाकर बैठ जाता है। अब बाकी जो 2 मेंढक थे, वह अभी भी ऊपर चढ़ने की कोशिश कर रहे थे। 

उन दोनों को देखकर ऊपर वाले  मेंढक फिर से उन्हें यह कहते हैं: कि तुम जो कोशिश कर रहे हो, वह बेकार है! अब तुम इस गड्ढे से कभी बाहर नहीं निकाल सकते हो। और अब तुम्हें अपनी सारी जिंदगी इसी गड्ढे में गुजारनी पड़ेगी। 

अब यह सुनने के बाद जो 2 मेंढक कोशिश कर रहे थे ऊपर चढ़ने की, उनमें से एक और मेंढक को भी लगता है, कि ये दोनों सही बोल रहे हैं। अब हम इस गड्ढे से कभी बाहर नहीं निकाल सकते हैं। अब वह मेंढक भी हार मानकर बैठ जाता है। 

लेकिन अभी भी एक मेंढक ऊपर चढ़ने की कोशिश कर ही रहा था। ऊपर वाले २ मेंढक, उस मेंढक से भी कहते हैं: क्या तुम्हे सुनाई नहीं दे रहा है! उन दोनों ने हार मान लिया है।  और तुम अभी भी सोच रहे हो, कि तुम इस बड़े से गड्ढे से बाहर निकाल सकते हो।

ऊपर वाले दोनों मेंढक उसे बोलते रहे, लेकिन उनकी बातों का उस मेंढक पर कोई असर नहीं हुआ। वो मेंढक कोशिश करता रहा और कोशिश करते-करते उस गड्ढे से बाहर निकल गया। अब उसे यह सारे मेंढक हैरानी से देख रहे थे, कि यह बाहर कैसे निकल गया। 

मैं आपको बताता हूं कि वह मेंढक बाहर कैसे निकाला? वह मेंढक इस बड़े से गड्ढे से इसलिए बाहर निकाला, क्योंकि वह मेंढक बहरा था। उसे कुछ सुनाई नहीं देता था। 


तो इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है: जब हम जिंदगी में कुछ अच्छा करते हैं, तो बहुत लोग आते हैं हमें रोकने के लिए। तरह-तरह की बातें करते हैं, लेकिन अगर आपको अपने काम में कामयाबी हासिल करनी है तो बेहरे बन जाओ। 

2. मूर्ख कछुआ

बहुत समय पहले की बात है । एक कछुआ था, जो किसी गांव में एक तालाब में रहता था । उसकी दोस्ती दो बगुलों से थी। तीनों दोस्त एक साथ खूब मज़ा किया करते थे ।

एक बार उनके गांव में बारिश नहीं हुई, जिस कारण वहां भयंकर सूखा पड़ा । नदी व तालाब सूखने लगे, खेत मुरझा गये। आदमी व पशु-पक्षी सब प्यास से मरने लगे ।

dry lake in a village

वह सब अपनी जान बचाने के लिये गावं छोड़कर दूसरे स्थानों पर जाने लगे । बगुलों ने भी अन्य पक्षियों के साथ दूसरे जगह जाने का फैसला लिया । जाने से पूर्व वह अपने मित्र कछुए से मिलने गये ।

उनके जाने की बात सुनकर कछुए ने उनसे उसे भी अपने साथ ले चलने के लिए कहा। इस पर बगुलों ने कहा कि वह भी उसे वहां छोड़कर नहीं जाना चहाते, परन्तु मुशकिल यह है कि कछुआ उड़ नहीं सकता और वह उड़ कर कहीं भी जा सकते है ।

उनकी बात सुनकर कछुआ बोला, कि यह सच है कि वह उड़ नहीं सकता । परन्तु उसके पास इस समस्या का हल है। कछुए की बात सुनकर बगुलों ने उससे तरीका पूछा ।

कछुआ बोला, ” तुम एक मज़बूत ब़डी ले आओ । उस ब़डी के दोनो कोनों को तुम अपनी-अपनी चोंच से पकड़ लेना और मैं उस ब़डी को बीच में से पकड़कर लटक जाऊंगा। इस प्रकार मैं भी तुम्हारे साथ जा सकूँगा और हम अपनी जान बचा सकेंगे ।”

3. समस्याओं से कैसे लड़ें?

शादी के बाद बेटी घर लौटी। पिता से शिकायतें करने लगीं। बोली- वह जीवन के इस संघर्ष को सहन नहीं कर पाएगी। पिता शांत भाव से सुन रहे थे। पिता पेशे से रसोइए थे।

वे बेटी को रसोई में ले आए। और पानी से भरे 3 बर्तनों को तेज आंच पर रख दिया। जब तीनों बर्तन में पानी उबलने लगा तो उन्होंने एक बर्तन में आलू, दूसरे में अंडे और तीसरे में कॉफी बीन्स डाल दीं।

बिना कोई शब्द कहे, वे चुपचाप बेटी को सुन रहे थे। बेटी नाराज़ थी। समझ नहीं पा रही थी कि पिता आखिर कर क्या रहे हैं? वह अपनी शिकायतें सुना रही है और वे चुप हैं। बीस मिनट बाद पिता ने सारे बर्नर ऑफ कर दिए। आलू, अंडे और कॉफी को बाहर निकाला और एक कप में रख दिया।

नाराज़ बेटी की ओर मुड़कर पूछा- तुम्हे क्या दिखाई दे रहा है? बेटी तुनककर बोली- आलू, अंडे और कॉफी…. और क्या ? पिता ने समझाया- देखो, आलू जो पहले इतना सख्त दिख रहा था, उबलते पानी में वह कितना कमज़ोर हो गया है।

अंडा जब तक संभव था, बाहरी आवरण से भीतरी भाग की रक्षा करता रहा, तब तक वह अंदर से भी सख्त हो गया। और कॉफी को देखो… उसने तो उबलते पानी को ही बदल दिया।

पिता बोले- मान लो… तुम्हारी समस्याएं उबलता पानी हैं, अब तुम्हें तय करना है- तुम्हारा व्यवहार कैसा होगा – आलू जैसा… या कॉफी जैसा।

सीख - आप समस्याओं के प्रति कैसे प्रतिक्रिया देते हैं, यही मायने रखता है।

4. किस्मत या मेहनत ?

बहुत से लोग असफ़ल होने या हार जाने पर अपनी किस्मत को कोसते हैं और जब अपने आस-पास सफल लोगों से मिलते हैं तो अक्सर यही सोचते हैं कि इनकी किस्मत बड़ी अच्छी है जो ये लोग अपनी फील्ड में एक कामयाब इंसान हैं।

लेकिन क्या यही वास्तविकता है ? । दरअसल, सिर्फ भाग्यवादी लोग ही अपनी किस्मत की दुहाई देते हैं। जब हम अपने जीवन में किसी लक्ष्य को पाने के लिए कठोर श्रम करते हैं तो हमारे विचार तो पॉज़िटिव बनते ही हैं हमारे सारे कर्म और प्रयास भी पॉज़िटिव होने लगते हैं।

ऐसे में, चाहे हमारे जीवन में कितने ही संकट आयें हम उनसे घबराये बिना लगातार अपना कठोर परिश्रम जारी रखते हैं और जिसके फलस्वरूप हम अपने करियर गोल्स या अन्य लक्ष्य पाने में कामयाब हो जाते हैं और तब हमारी किस्मत भी हमारा साथ देती है।

इसलिए, अब जब कभी आप किसी कामयाब इंसान से मिलें तो यह जरुर ध्यान रखना कि इस इंसान ने खूब मेहनत करके सफलता हासिल की है और फिर इसकी किस्मत ने इसका साथ दिया है।


उम्मीद करती हूं कि आपको यह Motivation Kahani Hindi पसंद आई होगी! अपने दोस्तों के साथ शेयर करिए ताकि उनको भी इससे सीख मिल सके। 

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Love to write stories about morality and motivational.

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