क्या आप Kids Story In Hindi Language में तलाश कर रहे थे? तो आपकी तलाश ख़त्म हुयी! बच्चों के लिए बेहतरीन सिख है।
Kids Story In Hindi Language
बहुत ही पुरानी बात है, एक विशाल काय जंगल मेंबहुत से पशु पक्षी रहा करते थे, उनके बीच एक रंगीला नाम का, बड़ा ही नेक हिरण भी रहता था। बहुत ही मेहनती, मिल-जल के रहना वाला और सबका उपकार चाहने वाला था।
वो अपने मन कर्म और वचन से सबका ख्याल रखता था। किसी का तबियत खराब होने पर वह हाल-चाल लेने के साथ-साथ, उसके उपचार की भी इंतज़ाम करता था। वो जहां रहता था, वहां अपने मेहनत से चारों तरफ हरियाली फैलाये रहता था।
एक बार रंगीला सडनली बीमार पड़ गया, उसे ऐसा बुखार चढ़ा की उतारने का नाम ही नहीं ले रहा था। उसने तुरंत कुछ जड़ी बूटियां खायीं, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। उसकी बीमारी की खबर पूरे जंगल में फैल चुकी थी, लेकिन उसे देखने के लिए कोई भी नहीं आया। तब उसका मन ज्यादा मुरझा गया।
उसे उठा नहीं जा रहा था, फिर भी वह उठकर कुछ आगे आया और उसने दिखा, दो हिरण उसके इलाके में आ गए थे। वो दोनों हिरण बड़ी-बड़ी और हरी हरी घांस खा रहे थे। उन्होंने जब रंगीला को देखा तो मुस्कुराने लगे।
और बोलै “अरे रंगीला! कैसी है तुम्हारी तबीयत? हम तो तुमसे ही मिलने आए हैं! तुम्हारा हाल-चाल जानने आए हैं। दूसरा हिरन: हाँ! रंगीला, हमने सुना तुम्हारी तबीयत बहुत खराब है! हमसे रहा नहीं गया, इसीलिए चले आए हैं!”
अब बताओ कैसी तबीयत है? रंगीला बोला: तबीयत में कोई इतना फर्क नहीं आया है, लगता है और कोई दूसरी दवा लेनी पड़ेगी। वो हिरण: हां हां! अच्छी दवा लेना, अपना ख्याल रखना, तुम आराम करो! हम चलते हैं।
रंगीला मुड़कर अपने अड्डे की तरफ चला और इधर यह दोनों हिरण फिर से रंगीला के इलाके की हरी-हरी घास खाने लग गए। उन दोनों में से एक हिरण बोला: इस जगह के बारे में जितना सुना था, उससे भी अच्छा पाया। रंगीला ने बड़ी मेहनत से ये गुलशन सजाया है।
चारों तरफ हरियाली ही हरियाली है, देखकर और खाकर तबीयत हरी हो गई, कल रंगीला से मिलने के बहाने फिर आऊंगा। वहीं पर दूसरा हिरण बोलता है: मुझे रंगीला के तबीयत से क्या लेना देना, मुझे तो इस इलाके की हरि-हरी घास खाना है, में भी तुम्हारे साथ कल आऊंगा।
दोनों हिरना का जब पेट भर गया तब वह वहां से चले गए। अपने इलाके में जाने के बाद, वो दोनों हिरण रंगीला के इलाके की हरी हरी घास की बहुत तारीफ करने लगे।
और बोले: अरे भाई! क्या यहां सुखी खास खाते पड़े हो, जाओ रंगीला के इलाके में, वहां चारों तरफ हरियाली ही हरियाली है। वहां जाओ! रंगीला का हाल-चाल पूछो, और पेट भरकर हरि हरि घांस खाओ।
और दूसरा हिरन बोला: रंगीला बहुत अच्छा है, बड़ा नेक है! उसकी बीमार पड़ने पर भी, हमें हरी-हरी घास खाने के लिए मिल रही है। इससे अच्छी बात भला और क्या हो सकती है!
बहुत सारी हीरोइन की टोली बन गई, फिर सब रंगीला का हाल-चाल पूछने रंगीला के इलाके में पहुंच गए। पहले तो रंगीला को इस बात की बड़ी खुशी हुई, कि मुझे सब मिलने आए हैं। लेकिन उसके बाद का नजारा देखकर, उसका कर ही चकरा गया।
सारे हिरण उसके इलाके के घास खाने में जुट गए थे, और कुछ हिरण तो फल भी खा रहे थे। उन हिरणो के पास सर उठाकर इधर-उधर देखने की भी फुर्सत नहीं थी। रंगीला बेचारा! मन ही मन सोचने लगा, कि यह लोग मेरे पास दो घड़ी भी नहीं रुके, और घास खाने के लिए जुट गए।
अब अगर यही हाल रहा, तो मेरे इलाके की सारी खास साफ हो जाएगी! मेरे खाने के लिए भी कुछ ज्यादा नहीं बचेगा। कुछ देर बाद रंगीला का एक दोस्त, मोनू भालू आ गया। उसे आने में बहुत देर हो गई थी। वह आते ही उससे माफी मांगता है, फिर कहता है: माफ करना मेरे दोस्त! मैं तुम्हारे लिए दवाइयां के तलाश में गया था और आने में थोड़ा लेट हो गया।
और मुझे बहुत दूर जाना पड़ा, दबाईया तो मिल गई, लेकिन आने में देर हो गई। ये तुम खा लो, और जल्दी से ठीक हो जाओ! रंगीला ने दबाइयाँ खाई, और उसे कुछ समय के बाद आराम मिलने लगा।
उसका दोस्त मोनू उसके साथ ही रुक रहा, 2 दिन के बाद, रंगीला की तबीयत बिलकुल ठीक हो गई। लेकिन उसके खाने के लिए, ना कोई फल बचा था और ना ही कोई घास बच्ची थी। उसकी सारी मेहनत पर पानी फिर गया था।
वो बोहत उदास हो गया। फिर उसका दोस्त मोनू बोला: दोस्त रंगीला! जानता हूं यह मतलब का संसार है, ज्यादातर सब दोस्ती का दिखावा करते हैं। सब अपने फायदे की सोचते हैं! तुम चिंता मत करो, हम दोनों मिलकर फिरसे गुलशन सजायेंगे।
इस कहानी से हमें सिख मिलती है: कि मन में कपट रखने वाले मित्र, दुश्मन से भी ज्यादा खतरनाक होते हैं।
आपको ये Kids Story In Hindi Language में केसी लगी, और इससे आपको और क्या सिख मिली? कमेंट करके जरूर बताईये!
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