हम इस Inspirational Short Story In Hindi For Students में आपको ऐसी एक आलसी आदमी की कहानी बताएंगे, अगर आप इस कहानी को पूरा पढ़ लोगे तो आपकी सोच भी अलग हो जाएगी। और अगर आप आलसी हैं तो आपकी आदत खत्म हो जाएगी! यह कहानी आपकी सोच और जिंदगी को बदल कर रख देगी।
Inspirational Short Story In Hindi For Students
एक समय की बात है, एक गांव में एक आदमी रहता था, वह आदमी बहुत ही ज्यादा आलसी था। वह कोई काम नहीं करता था, वह एकदम निठल्ला और नाकारा था।
पास वो हमेशा ऐसे मौके के खोज में रहता कि कहीं से उसको खाना मिल जाए। तो एक दिन जब वो आदमी खाने के लिए भटक रहा था, तभी उसे एक फ्रूट का बगीचा दिखता है। वह उस बगीचा से फ्रूट्स चुराने के बारे में सोचता है।
तभी वो बगीचा के अंदर चला जाता है, और एक पेड़ पर चढ़ जाता है। लेकिन तभी अचानक वहां पर उस बगीचे का मालिक आ जाता है, और वह इस आदमी को पेड़ पर चढ़ता हुआ देख लेता है।
वह उस आदमी को चिल्लाते हुए नीचे आने को कहता है, लेकिन यह आलसी आदमी बगीचे के मालिक को देखकर डर जाता है, और नीचे आने से मना कर देता है। तभी उस बगीचे का मालिक अंदर जाकर बड़ा सा डंडा लेकर आता है।
यह देखकर वह आलसी आदमी तुरंत पेड़ से नीचे उतरता है, और मालिक के उस तक पहुंचने से पहले ही वह जंगल की तरफ दौड़ने लगता है। और जंगल में जाकर छुप जाता है। कुछ समय बीतने के बाद वह आलसी आदमी वहां से निकलता है, और जंगल के रास्ते से जब वह गांव की तरफ जा रहा था, तभी उसे एक लोमड़ी दिखती है जिसके सिर्फ दो ही पैर थे।
और उसके दो पैर टूटे हुए थे और वह जंगल में रेंगती हुई चल रही थी। यह देखने के बाद वह आलसी आदमी सोचता है कि यह लोमड़ी अब तक इस घने जंगल में जिंदा कैसे हैं! यह लोमड़ी भाग नहीं सकती चल नहीं सकती, तो कैसे ही अपने लिए खाने का इंतजाम करती होगी!
और कैसी है लोमड़ी अपने आप को इस घने जंगल में दूसरे जानवरों से बचती होगी! वह आलसी आदमी अभी यह सोच ही रहा था कि तभी अचानक से वहां पर शेर आ जाता है। जिसके मुंह में गोश्त का एक टुकड़ा था और वह शेर उस अपाहिज लोमड़ी की तरफ बढ़ रहा था, शेर को देखकर दूसरे सारे जानवर वहां से भाग जाते हैं और अब वहां पर सिर्फ वह अपाहिज लोमड़ी रह जाती है।
और वह आलसी आदमी भी अपनी जान बचाने के लिए एक पेड़ पर चढ़ जाता है और फिर जो होता है उसे देखकर वह आलसी आदमी हैरान हो जाता है। वह शेर उसे गोश्त के टुकड़े को उस लोमड़ी के सामने छोड़ देता है और वहां से चला जाता है।
अब वह लोमड़ी उस गोश्त के टुकड़े को खाने लग जाती है। आलसी आदमी यह देखकर हैरान हो जाता है और ऊपर वाले का प्लान देखकर वह मन ही मन खुश भी हो जाता है। और तभी वह सोचते हैं कि ईश्वर के पास सबके लिए कोई ना कोई प्लान होता ही है। और अगर ईश्वर के पास इस लोमड़ी के लिए प्लान है तो जरूर मेरे लिए भी उसके पास कोई ना कोई प्लान जरूर होगा।
और तभी वह आलसी आदमी रोड के साइड में एक बड़ा सा पेड़ देखकर उसके नीचे बैठ जाता है यह सोचकर कि मेरे लिए भी कोई ना कोई खाना लेकर जरूर आएगा। वह आदमी दो दिन तक उसे जगह पर बैठकर इंतजार करता है लेकिन कोई भी उसके लिए खाना लेकर नहीं आता। आखिरकार जब उसे भूख बर्दाश्त नहीं होती है, तू खुद ही खाने की तलाश में निकल पड़ता है।
वह रास्ते से जा ही रहा था कि तभी उसे रास्ते में एक बुजुर्ग आदमी मिलते हैं। वह आलसी आदमी उन बुजुर्ग से कहता है कि मुझे भूख लगी है आपके पास कुछ खाने के लिए है तो मुझे दे दो। तभी वह बुजुर्ग आदमी उसको कुछ खाने और पीने को दे देते हैं।
खाना खाने के बाद वह आलसी आदमी उन बुजुर्ग से कहता है, कि मैं दो दिन पहले जो देखा आप उस पर विश्वास नहीं करेंगे! मैं जंगल में एक अपाहिज लोमड़ी को देखा जिसे खुद शेर गोश्त लाकर दे रहा था खाने के लिए! मैंने सोचा कि ईश्वर के पास मेरे लिए भी कोई ना कोई प्लान जरूर होगा। लेकिन ईश्वर ने उस लोमड़ी पर अपनी दया दिखाई और मुझ पर नहीं।
मेरे लिए कोई भी खाना लेकर नहीं आया और आखिरकार मुझे ही खुद खान की तलाश में निकलना पड़ा। उस आलसी आदमी ने उन बुजुर्ग आदमी से पूछा कि मेरे साथ ही ईश्वर ने ऐसा क्यों किया? तभी उन बुजुर्ग आदमी ने मुस्कुराते हुए कहा यह सच है कि ईश्वर के पास सभी के लिए कोई ना कोई प्लान तो जरूर होता है, और तुम्हारे लिए भी है लेकिन तुमने उसे गलत तरीके से समझ लिया।
वह तुम्हें लोमड़ी नहीं बल्कि वह तुम्हें उसे शेर की तरह बनना चाहता था।
दोस्तों इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है: कि अगर हम हमारी लाइफ को ध्यान से देखें तो हमें यह पता चलेगा कि जिंदगी सबक से भरी पड़ी है, और हर एक मोमेंट का एक दीप मीनिंग होता है।
उस आलसी आदमी ने लोमड़ी को मदद लेते हुए देखा और सोचा कि लोमड़ी सिर्फ बैठी हुई है और वह सिर्फ इंतजार कर रही है कि कब उसके साथ अच्छी चीज होगी, लेकिन वह आदमी यह भूल गया था कि वह लोमड़ी मजबूर थी।
लेकिन हम उस लोमड़ी की तरह मजबूर और लाचार नहीं है। ऊपर वाले ने हमें एबिलिटी दी है अपना काम करने की, बिल्कुल उस शेर की तरह। हमारे पास भी खुद की स्ट्रेंथ और कैपेबिलिटी है हमारी सिचुएशन को बदलने की।
लेकिन उसके लिए आपको एफर्ट्स लेने पड़ेंगे एक्टिव बनना पड़ेगा तभी आप उस शेर की तरह बन पाएंगे।
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Excellent story bro! Mehnat to karna padega.