क्या आपको भी Hindi Inspirational Story With Moral पढ़ना पसंद है? तो आपके के लिए ये बेस्ट स्टोरी होगी, जो आपको बहुत inspire करेगी।
Hindi Inspirational Story With Moral
एक बादशाह था, उस बादशाह ने अपने नौकरों को यह हुक्म दिया था, कि अगर मैं किसी की बात सुनकर ” बहुत खूब ” कहूं तो तुम उसे फौरन 1000 अशर्फियां इनाम में दे देना। तो एक बार वो बादशाह जंगल में अपने सिपाहियों के साथ, शिकार करने गया था।
जंगल में उसे एक छोटा सा घर दिखाई दिया, रहा था उसे घर के बगीचे मैं एक बूढ़ा आदमी, एक छोटा सा पौधा लगा रहा था। तो उस बादशाह ने उस बूढ़े आदमी को देखकर अपने नौकरों से कहा, ” सिपाईयों देखो! कि यह बूढ़ा आदमी पौधा लगा रहा है। जब यह पौधा बड़ा होगा और फल देने लगेगा, शायद तब तक यह बूढ़ा आदमी जिंदा भी नहीं रहेगा। “
तो फिर यह बूढ़ा आदमी बेकार की मेहनत क्यों कर रहा है। फिर बादशाह ने अपने सिपाहियों को हुक्म दिया, कि उस बूढ़े आदमी को मेरे सामने लाया जाए। जब उस बूढ़े आदमी को बादशाह के सामने हाजिर किया गया, तो बादशाह ने उस बूढ़े आदमी से पूछा ” आपकी उम्र कितनी है? ” उसे बूढ़े आदमी ने जवाब दिया ” हुजूर मेरी उम्र 81 साल है! “
बादशाह ने फिर से उसे बुरे आदमी से सवाल पूछा ” कि अभी आप जो यह पौधा लगा रहे हैं, यह कितने सालों के बाद फल देगा? ” तो उस बूढ़े आदमी ने सोच कर जवाब दिया ” हुजूर! आज जो मैं ये पौधा लगा रहा हूं, यह तकरीबन 10 से 12 साल के बाद फल देगा! “
तो फिर से बादशाह ने पूछा कि ” आपकी आज की हालत देखकर, आपको क्या लगता है आप कितने साल और जिएंगे? ” तो बूढ़े आदमी ने कहा ” हुजूर मौत का तो कोई भरोसा नहीं है! वह तो कभी भी आ सकती है।
लेकिन मेरी अभी की हालत देखकर मुझे ऐसा लगता है कि मैं तीन यार साल तक जिंदा रह पाऊंगा। फिर बादशाह ने कहा ” तो आप ये बेकार की मेहनत क्यों कर रहे हैं? ” जब आप इस पौधे के फल खा ही नहीं सकते, तो आप इसे क्यों लग रहे हैं?
आपको तो घर में आराम करना चाहिए। तो उस बूढ़े आदमी ने कहा ” हुजूर! ऐसा नहीं है, आप जो मेरे यह घर के पीछे इतना बड़ा बगीचा देख रहे हैं, इस बगीचे में कई ऐसे पेड़ हैं, जो मेरे दादा ने लगाए थे, जब वह मेरी उम्र के थे। “
पर आज तक मैं, उनके लगाए हुए पेड़ों के फल खा रहा हूं। और जिस तरह मैं यह पौधा लगा रहा हूं, इसके फल भी मेरे बेटे या मेरे पोते खाएंगे। तो यह बात सुनकर बादशाह के मुंह से बहुत खूब निकल गया, जैसे ही सिपाहियों ने यह सुना फौरन उन्होंने उस बूढ़े आदमी को 1000 अशरफियों की थैली दे दी।
और बूढ़े आदमी से कहा कि ” ये तुम्हारा इनाम है। ” अशर्फियां की थैली लेने के बाद, उस बूढ़े आदमी ने कहा ” हुजूर! यह पौधा तो 10-12 साल में फल देगा। लेकिन मुझे तो इसका फल आज ही, इन आशापियों के रूप में मिल गया।
यह सुनने के बाद बादशाह ने “बहुत खूब” “बहुत खूब” 2 बार कह दिया, तो उस बूढ़े आदमी को 2 अशरफियों की थैली और मिल गई। बूढ़े आदमी के पास अब 3000 अशर्फियां हो गई थी। अशर्फियां मिलने के बाद बूढ़े आदमी ने बादशाह से कहा ” मैंने सिर्फ रेहम दिल और नेक बादशाहों के बारे में सुना था, आज देख भी लिया है।
तो यह सुनने के बाद, बादशाह ने 3 बार “बहुत खूब” कह दिया, तो उस बूढ़े आदमी को भी अशरफियों की थैली और दे दी गई। और इसी के साथ यह कहानी खत्म हुई।
अब थोड़ा सोचिए और कमेंट में लिखिए, की आपको इस Hindi Inspirational Story With Moral से क्या सीख मिली?
मोरल: अगर आज आप किसी पेड़ के छाव के नीचे बैठे हैं, किसी पेड़ के साये के नीचे बैठे हैं, तो उस पेड़ को कई साल पहले, किसी ने लगाया जरूर होगा। इसी तरह आपको भी आज, एक न एक पेड़ तो जरूर लगाना ही चाहिए।
डरपोक चूहा – Hindi Inspirational Story With Moral
यह कहानी है एक चूहा की, जिसका बिल एक बड़े से पेड़ के नीचे बना हुआ था और वह उसी में रहा करता था। वह चूहा बहुत ही डरपोक था! बिल्ली के डर से वह चूहा ज्यादातर अपने दिल से बाहर नहीं निकला करता था।
तो बहुत ही डरा हुआ और सहमा हुआ सा रहता था। जब उसे बहुत ही जरूरी काम होता तभी वह अपने दिल से बाहर निकलता। वह हर बार यह सोचता था कि ” जब मैं अपने बिल से बाहर निकलूंगा तो बिल्ली मुझे पकड़ लेगी।
एक दिन उसकी मुलाकात एक अनजान चूहे से हुई, जो बहुत ही बहादुर था! उस अंजन चूहे ने जब इस डरपोक चूहे के साथ वक्त बिताया, तो उसे महसूस हुआ की ये चूहा कुछ ज्यादा ही डरा हुआ रहता है।
अंजान चूहे ने उस डरपोक चूहे से कहा ” कि तुम इतना डरे हुए से क्यों रहते हो? क्या मैं तुम्हारी कुछ मदद कर सकता हूं? ” उस डरपोक चूहे ने कहा कि ” मुझे बिल्ली से बहुत डर लगता है! यह सुनने के बाद, अनजान चूहे ने कहा कि ” मेरे पास कुछ ऐसी शक्तियां है,
जिसकी मदद से मैं तुम्हें बिल्ली बन सकता हूं। ” अंजान चूहे की यह बात सुनकर वह बहुत ही खुश हुआ और जल्दी से उसे बिल्ली बनाने को कहने लगा।
अंजन चूहे ने उसको अपनी शक्तियों से एक बिल्ली बना दिया। बिल्ली का रूप लेने के बाद, डरपोक जो बहुत खुश हो गया! अब उसे किसी भी बिल्ली से डर नहीं लग रहा था। क्योंकि वह खुद एक बिल्ली बन गया।
वह अब अकेले बाहर जा सकता था, बाहर घूम सकता था। एक दिन जब वह बाहर घूम रहा था, तो कुछ कुत्ते उसके पीछे पड़ गए। अब उसे कुत्ते से डर लगने लगा था। और फिर से उसने बाहर जाना बंद कर दिया।
एक दिन और फिर से अनजान चूहे के पास गया और अपना आप बीती बताने लगा। अंजन चूहे को उस पर दया आई और उसने उसे एक कुत्ता बना दिया। अब वह डरपोक चूहा फिर से खुश हो गया! कुत्ता बनने के बाद, वह जैसी जंगल की तरफ गया तो एक शेर, उसे खाने के लिए उसके पीछे लग गया।
अब वो शेर से डरने लगा और फिर से उस अनजान चूहे के पास गया और अपना आप बीती सुनने लगा। अंजान चूहे ने फिर से उसे एक शेर बना दिया! शेर बनने के बाद चूहे को लगा की अब उसे किसी से भी डर नहीं लगेगा।
क्योंकि वह एक जंगल का राजा, शेर बन चुका था। यह सब होने के बाद, तो वो जैसे ही जंगल में गया तो चारों तरफ से शिकारी उसके पीछे पड़ गए। अब वह अपनी जान बचाकर भागने लगा, अब उसे और भी ज्यादा डर लगने लगा था।
क्योंकि वह जब भी बाहर निकलता, हर तरफ से शिकारी उसके पीछे पड़ जाते थे। वह फिर से दुखी होकर अनजान चूहे के पास गया, और अपनी प्रॉब्लम बताने लगा। यह सब सुनने के बाद, अनजान चूहे ने उससे कहा कि ” मैं अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करके तुम्हें चाहे कुछ भी बना दूँ, लेकिन उसका कोई असर नहीं होगा।
क्योंकि तुम्हारा डर, तुम्हारे दिल के अंदर तक बैठ चुका है। और तुम्हारा दिल हमेशा उस डरपोक चूहे वाले जैसा ही रहेगा। मैं अपनी शक्तियों से उस डर को निकाल नहीं सकता। उस डर को तुम्हें खुद ही खत्म करना पड़ेगा।
अब वो चूहा सब कुछ समझ चुका था के डर उसके अंदर ही है। उसने अनजान चूहे से कहा कि ” मुझे फिर से चूहा बना दो! ” और चूहा बनने के बाद उसने डर के बिना जीना शुरु कर दिया।
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है: डर हर किसी की जिंदगी में होता है! कोई इंसान कामयाब होने के लिए स्ट्रगल कर रहा है, उसे तो डर लगता ही है। और जो इंसान ऑलरेडी कामयाब हो चुका है, उसे भी डर लगता है।
चाहे बिजनेसमैन हो या जॉब करने वाला, चाहे आमिर हो या गरीब, हर किसी की जिंदगी में ही डर नाम का शब्द होता ही है। बस आपको इस डर को अपने ऊपर हावी नहीं होने देना है। डर जो है ना यह सिर्फ एक थॉट है और थॉट कभी भी चेंज किया जा सकता है।
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