ये Funny Story In Hindi For Child एक भोले उल्लू की है, जो दावत खाने के लिए टेकरी को दिन में रवाना होता है! चलिए पढ़ते हैं के उसके साथ क्या होता है।
Funny Story In Hindi For Child
एक जंगल में बहुत सारे पशु पक्षियों के बीच एक उल्लू भी रहता था, वो दिन भर सोता और रात को जागता रहता। एक बुलबुल ने उसे दिन में आवाज दी: अरे उल्लू भैया! अब तो उठ जाओ, सारा जंगल जाग रहा है और तुम सो रहे हो।
उल्लू ने बुलबुल की बात का कोई जवाब नहीं दिया और उसकी सोने की प्रक्रिया जारी रही। फिर बुल बुल बोलता है: अजीब पक्षी! में तुम्हे जगा रहा हूँ और तुम सोए पड़े हो। उल्लू बोलता है: अरे बुलबुल की दुम! मैं रात भर जंगल की रक्षा के लिए जानता हूं और दिन में सोता हूं, तुम क्या चाहते हो मैं रात दिन जाता ही रहूं?
बुलबुल: तुमने कब मेरी रक्षा की? हाँ! हमारी नींद में खलल डालने के लिए शोर जरूर मचाते हो और रात भर जंगल का चक्कर लगाते हो। उल्लू बोला: अब जाओ यहाँन से, मुझे सोने दो!
बुलबुल: मुझे भगा रहे हो! समझ लो, सुनहरा मौका गवा रहे हो। उल्लू: सुनहरा मौका? अरे खुल कर बताओ! बुलबुल: अरे मैं तो तुम्हें टेकरी वाली शुतुरमुर्ग की तरफ से निमंत्रण देने के लिए बुलाने आया था, अब तुम नहीं तैयार हो तो कोई बात नहीं, मैं चलता हूं, तो चल कर दावत खाऊंग, मजे उड़ाऊंगा और तुम सोये हो, सबको बताऊंगा।
उल्लू: अरे अरे रुको बुलबुल भाई! तुम तो यार नाराज हो गए, पहले क्यों नहीं बताया अच्छा किया मुझे जगाया। अब तो मैं क्या, मेरी भूख भी जाग गई! नींद तो कब की भाग गई है। बुलबुल: अच्छी बात है उठो फिर उड़ो और पहुंच जाओ टेकरी पर, बहुत ही अच्छे-अच्छे व्यंजन बने है, ठीक है मैं चलता हूं।
इतना कहकर बुलबुल तो वहां से उड़ गया, लेकिन उल्लू के लिए परेशानी खड़ी हो गई। वह जैसे ही अपने घोंसले से उड़ते-उड़ते एक पेड़ से टकरा गया, दरअसल दिन में उसे दिखाई नहीं पड़ रहा था।
उल्लू: अरे मैं तो दावत खाने जा रहा था! यह पेड़ बीच में कहां से आ गया, आया तो आया मुझ से ही टकरा गया। उल्लू वहां से उठकर फिर उड़ कर चला, उड़ते उड़ते टेकरी तो नहीं मिली लेकिन वह बड़े पहाड़ से टकरा गया।
उल्लू: अरे यह पहाड़ इतना बड़ा हो गया लेकिन एक पैसे की भी नहीं! इतना नेक कम करने के लिए जा रहा हूं और यह मुझसे ही टकरा गया। अरे कोई इसे समझाएं, मेरे रस्ते से हटाए!
एक कव्वा बोलता है: अरे उल्लू की दुम! यह भी नहीं समझे तुम? रास्ते में पहाड़ नहीं तुम आ गए हो! वो तो अपनी जगह पर खड़ा है, तुम ही एकल के दुश्मन हो। उल्लू: अरे भैया दो बार टक्कर खा चुका हूं! यह दावत तो बड़ी महंगी दिख रही है, टेकरी का रास्ता किधर है बता दो, हो सके तो वहां तक पहुंचा दो।
कव्वा: देखो भैया! तुम इस दिशा में कहां जाओगे? आगे जाकर क्या नदी में गोते खाओगे! मैं तो दावत खाकर आ रहा हूं, अपने घर जा रहा हूं मुझे अब लौटकर नहीं चलना है। तुम्हारे साथ उल्लू नहीं बना है! तुम एक काम करो, इधर पूरब दिशा में सीधे चले जाओ और जाकर टोकरी पर दावत का मजा उड़ाओ।
कव्वे के कहने पर, उल्लू पूरब की दिशा की ओर उड़ने लगा। वह बड़ी देर तक उड़ता रहा, उड़ता रहा फिर नीचे से कुछ आवाज सुनाई पड़ी, वो बहुत तेजी से नीचे उतर गया। और वो आवाज़ नदी के पानी की थी, और वो नदी के पानी में गिर गया।
एक कछुआ निकाल कर बाहर आया और उल्लू की हालत देखकर फरमाया: उल्लू भाई! यह क्या गजब ढा रहे हो? पक्षी होकर नदी में गोता लगा रहे हो! उल्लू: भैया! मैं तो इसे टेकरी समझ कर दावत खाने नीचे आया था, एक कौवे ने मुझे यही रास्ता दिखाया था।
अरे उल्लू भाई उस कौवे ने तुम्हें बेवक़ूफ़ बनाया है! तुम्हें गलत रास्ता बताया है, यह भी सब समझ सकते हैं कि उल्लू को उल्लू बनाया है।
2. एक बिल्ली – Funny Story In Hindi For Child
बहुत दिनों पुरानी बात है एक घने जंगल में एक शेर एक गुफा में रहता था। हर रोज वह शिकार करने के लिए जंगल में जाता और वापस गुफा में जाकर आराम किया करता था। एक दिन कहीं से एक चूहा उस गुफा में आ गया और बिल बनाकर रहने लगा।
जब भी शेर आराम कर रहा होता तो चूहा बिल से निकलता और शेर के बालों को कुतर जाता। जागने के बाद शेर की जब अपने कुतरे हुए बालों पर नजर जाती तो वह गुस्से से आग बबूला हो जाता।
ताक़तवर होने के बावजूद भी वो चूहे जैसे छोटे से जीव का कुछ नहीं कर पा रहा था। जब भी वहां से पकड़ने की कोसिस करता। वह चालाकी से अपने बिल में घुस जाता। और शेर सिर्फ गुस्से से दांत पिस्ता रह जाता।
एक दिन शेर ने सोचा ” इस छोटे से जीव पर अपनी उर्जा बेकार करने का कोई फायदा नहीं है। इसे पकड़ने के लिए, इसका ही कोई जनि-दुसमन लाना चाहिए। और चूहे की सबसे बड़ी दुश्मन तो बिल्ली ही है। में अभी जाकर उसे यहां लाता हूं। “
और वह गांव जाकर, बेहला फुसलाकर एक बिल्ली ले आया। हर रोज शेर बिल्ली के लिए कहीं से मछलियां लाया करता और प्यार से उसे खिलता। बदले में बिल्ली शेर के आराम के समय चूहे पर नज़र रखती।
बिल्ली के रहते हुए चूहा डर के मारे बिल में ही घुसा रहता। बिल्ली ताजी-ताजी मछलियां खाकर चुस्त-तंदुरुस्त होने लगी। इधर चूहा बिल में घुसा घुसा कमजोर हो चला था और शेर के बाल ही उसका खाना था।
आखिर कब तक वह भूखे-प्यासे बिल में पड़ा रहता। एक दिन वह अपने बिल से निकल ही आया। शेर उस समय सोया हुआ था और बिली पास ही में बैठकर मछलियों खा रही थी। चूहा बिल्ली को चख्मा देकर, शेर के पास जाने का कोसिस करने लगा।
लेकिन बिल्ली बहुत चालाक थी! उसने चालाकी से अपने पंजों से चूहे को जकड़ लिया और मार कर खा गई। बिल्ली खुस थी! वह सोचने लगी ” मैंने अपने मालिक की चिंता का सदा के लिए खात्मा कर दिया, अब शेर मुझे बड़ा गिफ्ट देगा। “
उसे विश्वास था कि खुश होकर शेर जरूर उसे और स्वादिष्ट मछलियां लाकर देगा। शेर के जागने पर बिल्ली ने उस चूहे को मार डालने की बात बता दी। बिल्ली बोली: महाराज की जय हो! आपकी नींद में खलल करने वाला, अब सदा के लिए मर चुका है।
शेर की परेशानी का कारण समाप्त हो चुका था, वह बड़ा खुश हुआ। पर अब बिल्ली उसकी किसी काम की नहीं रही थी। शेर ने मन में सोचा ” अरे वह! यह तो बहुत अच्छा हुआ कि चूहा मर गया, अब मैं रोज आराम से अपनी नींद पूरी करूंगा। अब जब चूहा ही नहीं तो में इस बिल्ली का क्या करूं? “
उसने उसे भोजन देना बंद कर दिया। बिना भोजन के बिल्ली कमजोर होने लगी। उसे समझ में आ गया कि चूहे को मार कर उसने अपनी उपयोगिता समाप्त कर दी है। इसलिए शेर उसे नजरअंदाज करने लगा। आखिरकार बिल्ली गुफा छोड़कर चली गई।
तो दोस्तों इस कहानी से हमें यह पता चलता है: कि हमेशा अपनी उपयोगिता बनाए रखें!
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