क्या आप Best Motivational Short Story in Hindi के तलाश में हैं? क्या आपको बेस्ट शार्ट हिंदी कहानी की तलाश है? तो आप सही जगह आये हैं। इस स्टोरी को ध्यान से पढ़ें और मोटिवेशन हासिल करें।
ये रहा Best Motivational Short Story in Hindi
एक बार एक वैज्ञानिक ने एक टिड्डे को पकड़ा और उसे अपनी आवाज पर छलांग लगाना सिखाया। वह टिड्डे से कहता की कूदो और वह आवाज सुनकर वह जोर से छलांग लगता।
और वह वैज्ञानिक था तो प्रयोग करना तो बनता ही था, उन्होंने टिड्डे के छलांग पर प्रयोग किया, वैज्ञानिक ने उसकी एक टांग तोड़ दी और फिर बोला “कूदो!” अब टिड्डे की छलांग की दूरी कम हो गई।
वैज्ञानिक ने अब उसकी दूसरी टांग भी तोड़ दी और फिर बोल “कूदो!” फिर क्या होना था, टिड्डे की छलांग और कम हो गई। फिर उसने उसकी तीसरी तंग भी तोड़ दी। फिर छलांग की दूरी और कम हो गई। एक-एक करके बेचारे टिड्डे की सारी टांग तोड़ दी गई।
अब आखरी टांग टूटने पर जब उसे कहा गया “कूदो!” तो वह हिल भी नहीं पाया। अब वैज्ञानिक ने अपना निष्कर्ष अपनी डायरी में लिखा, जानते हो उसने क्या लिखा?
" जब टिड्डे की एक टांग तोड़ी गई, तो वह थोड़ा बहरा हो गया, जब उसकी दूसरी टांग तोड़ी गई तब वह और बहरा हो गया, हर टांग टूटने के साथ वह और बहरा और बहरा होता गया, और सारी टांग टूटने के बाद वह पूरा बहरा हो गया। "
जोर-जोर से चिल्लाने का भी उसे पर कोई असर ना हुआ वह तो अपनी जगह से हिला तक नहीं, छलांग लगाना तो दूर की बात थी। इस कहानी को पढ़कर आप सभी को ऐसा ही लग रहा है ना, कि क्या मूर्ख वैज्ञानिक था।
की कितनी सीधी सी बात इसको समझ में ही नहीं आई। आप में से कुछ लोग यह भी सोच रहे होंगे कि यह तो एक छोटे बच्चों को भी पता है की टिड्डे की चलांग उसकी टांग टूटने की वजह से कम होती जा रही थी, ना कि वह बहरा हो गया था।
पर दोस्तों! हम सभी जीवन में कई बार ऐसे ही मुर्ख बन जाते हैं, कई बार जीवन में दो घटनाएं एक साथ ऐसे घटती है कि उनका एक दूसरे से कोई संबंध होता ही नहीं। फिर भी ऐसा लगता है कि गहरा संबंध है।
कभी-कभी दिखाता कुछ और है, हमें समझ कुछ और आता है और वास्तव में होता कुछ और है। इसीलिए अगर आपको पछताना नहीं है, तो अपनी लाइफ में जल्दबाजी में कोई फैसला ना ले, हमेशा समझ भुज का इस्तेमाल करें। सावधानी बरतें, नतीजा सोच, समझ कर ही निकाले।
दोस्तों यह छोटी-छोटी कहानी और उसकी सिख आपको कैसी लग रही है? कमेंट बॉक्स में हमें जरूर बताएं!
कुछ motivational quotes in hindi
“ हर गरीब परिवार में एक ऐसा सदस्य जरूर होता है जो उसे परिवार को गरीबी से निकाल कर हाई क्लास फैमिली में बदल सकता है। आपकी फैमिली में आप वह इंसान हो सकते हो। “
“ नफरत करना उन मूर्ख लोगों का काम है जिनको लगता है कि वह हमेशा के लिए जिंदा रहेंगे “
” इससे किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कितने दुखी हो कितने उदास हो कितने टूट चुके हो इसलिए आपका काम केवल एक ही होना चाहिए कि किसी भी हालत में आप अपना काम मत छोड़ो। “
Motivational and Heart-Touching Story in Hindi
यह कहानी है एक लड़के की, जिसको शक्कर खाने की बुरी आदत थी। बस दिन रात शक्कर ही खाया करता था और उसके शक्कर खाने के वजह से उसकी माँ बोहत परेशान रहती।
क्योँकि कोई चीज, अगर ज्यादा भी हो जाए तो उसके भी साइड इफेक्ट होते हैं, तो इस बात को लेकर उसकी मां परेशान रहती थी। और उस लड़के को बार-बार शक्कर खाने के लिए मना करती थी।
लेकिन वह लड़का अपनी मां की बात नहीं सुनता था। तो उसी गांव में एक बाबा जी रहते थे, जिनको लड़का बहुत मानता था और उनकी हर एक बात मानता था। तो उसकी मां ने सोचा: कि बाबा जी से कहने लगाऊंगी कि आप इसे शक्कर खाने से मना कीजिए।
उसने अपने बेटे को बाबा जी के पास लेकर गई। बाबा जी एक पेड़ के नीचे बैठे हुए थे। उस औरत ने बाबा जी से कहा: आप मेरे बेटे से सिर्फ इतना कह दीजिए, कि वह अब से शक्कर नाखाये।
बाबा जी ने उस औरत से कहा: की ये बात में तुम्हारे बेटे से, अगले हफ्ते कहूंगा। तुम अपने बेटे को अगले हफ्ते मेरे पास लाना। वह औरत अपने बेटे को लेकर चली गई, और पूरा एक हफ्ता गुजरने के बाद वह फिर से अपने बेटे को बाबा जी के पास लेकर आई।
बाबाजी पेड़ के नीचे बैठे हुए थे और बाबा जी ने उस लड़के से सिर्फ इतना कहा की ” बेटे! अब से तुम शक्कर मत खाना। “
लड़का बाबा जी के इतनी सी बात से ही, शक्कर खाना छोड़ देता है। लेकिन उसकी मां हैरान थी, कि सिर्फ इतना सा खाने के लिए बाबा जी ने मुझे एक हफ्ते के बाद बुलाया! उसने बाबा जी से पूछ ही लिया: बाबा जी सिर्फ इतना सा कहने के लिए, तुमने मुझे एक हफ्ते के बाद क्यों बुलाया?
बाबा जी का जवाब थोड़ा ध्यान से पढियेगा, बाबा जी ने कहा: कि एक हफ्ता पहले, मैंने भी शक्कर खाना नहीं छोड़ा था। दोस्तों एक quote है, कि
अगर हम दुनिया को बदलना चाहते हैं, तो पहले हमें खुद बदलना पड़ेगा। दोस्तों आप लोगों ने ज्यादातर देखा होगा घर में जो बड़े लोग होते हैं वह अपने से उम्र में छोटे लोगों को ही आप बच्चों को कहते हैं यह काम मत करो, लेकिन वह खुद करते हैं।
” जो बदलाव हम संसार में लाना चाहते हैं, वही बदलाव पहले हमें खुद में लाना पड़ेगा। “
तो सोचो की उनके बात का बच्चों पर क्या असर पड़ेगा! आप जो बड़े-बड़े मोटिवेशनल स्पीकर देखते हैं, यह क्या ऐसे ही बन जाते हैं! नहीं! ये पहले अपने आप को बदलते हैं, तभी लोग इनकी बातों को मानते हैं।
याद रखिए! सबसे पहले अपने आप को बदलिए, दुनिया खुद-बा-खुद बदल जाएगी।
अगर आपको ये Motivational and Heart-Touching Story in Hindi पसंद आयी है, तो इसको पोहनचाओ। धन्यबाद!