Introduction
इस Heart-Touching Motivational Story in Hindi आपको पता चलेगा की, फोकस करने से आप बड़ी-से-बड़ी परेशानियों से छूटकरा पा सकते हैं।
आज से लग-भग कई हजार साल पहले पुराने चाइना में एक संत पैदा हुए उनका नाम था लाओत्सु , लाओत्सु के गिन्ती अपने समय के सबसे समचदार और बुध्धिमान लोगों मी की जाती थी यहां तक कि चीन के सम्राट भी उनके पास सलाह लेने आया करते थे।
क्योंकि लाओत्सु की बुध्धिमानी के सेकड़ों किस्से प्रसिद थे और उनका बड़ा मान सम्मान भी था। पूरे चाइना में एक बार कुछ ऐसी ही घटना घटी सम्राट के दर्वार में एक भ्यापारी आया जिसके पास दो फूल थे। उसने सम्राट के सामने एक सर्त रखी कि अगर सम्राट पहचान लें।
कि इनमे से कौनसा फूल असली है और कौनसा नकली। अब सम्राट के सामने दो फूल लाए गये जिनमे से एक असली था और दूसरा नकली। लेकिन उन दोनों में फरक कर पाना बड़ा मुझकिल था।
क्योंकि देखने में दोनों बिल्कुल एक जैसी लग रहे थे। जिस कारिगर ने उस नकली फूल को बनाया था, वह इतना कुसल था कि उसने इतनी बारीकी से असली फूल की नकल की थी कि दोनों में फरक ढूंढ पाना बड़ा मुसकिल हो रहा था।
अब सम्राट उलझन में पड़ गय, और जैसे ही सम्राट संकत में पड़े उन्हें याद आई लाओत्सु की, लाओत्सु को बुलावा भेजा गया। क्योंकि लाओत्सु की समचदारी किस्से बड़े मसहूर थे, इसलिए ब्यापारी भी थोड़ा सा गवरा गया।
हालांकि वो लाओत्सु से कभी मिला नहीं था, लेकिन उसने उनके बारे में सुना बहुत था, के लाओत्सु बहुत ही बुद्धिमान ब्यक्ति हैं। लाओत्सु तक सिपाही ने सन्देश पोहंचा दिया। के सम्राट एक दुभिदा में फंस गए हैं।
2 फूलों में पहचान करनी है, लेकिन सम्राट पहचान नहीं पा रहे हैं। लाओत्सु सम्राट के दरबार में पोहंचे, लाओत्सु ने उन दोनों फूलों को गौर देखा और उन फूलों को पहचान ने का प्रयास किया।
लेकिन लाओत्सु भी थोड़ा दुभिदा में पद गए, वो भी थोड़ा परेशान हुए और ब्रह्मित हो गए के इनमेसे कोनसा फूल असली है, और कोनसा नकली। क्योँकि देखने में दोनों फूल एक जैसे थे।
लाओत्सु को भी उन्में अंतर कर पाने में बड़ी मुस्किल हो रही थी। फिर लाओत्सु ने भ्यापारी से थोड़ा सा समय मांगा और वो तहलते हुए दर्वार की खिड़की तक गय और उन्हों ने उस खिड़की को खोल दिया।
थोड़ी ही देर में बाहर से एक मदुमक्कि उड़ती हुई आई, और वो जाकर उन दोनो फूलों में से एक के ऊपर बैठ गई और यह देख कर लाओत्सु के चहरे पर एक हल्के सी मुस्कुराट फैल गई।
ये देख कर सम्राट समझ गए की लाओत्सु ने इस परेशानी का हल ढूंढ लिया है। असली फूल को पेहचान लिया है। तभी लाओत्सु ने कहा “बाएं हाथ के तरफ जो फूल है, वही असली है, और दाहिनी हाथ में रखा हुआ फूल नकली है। “
ब्यापारी बड़ा हैरान हुआ, क्योँकि वो भी कभी-कभी, बिच-बिच में भूल जाता था, की कोनसा फूल असली है और कोनसा फूल असली। उसे भी याद रखने में बड़ी परेशानी होती थी।
उसने हैरान होकर, लाओत्सु को पूछा “की आपने पहचाना कैसे?” लाओत्सु ने कहा “इंसानो के आँखों को धोका दिया जा सकता है, लेकिन Nature को धोका नहीं दिया जा सकता।”
इन फूलों को देख कर, इंसान भले ही अपने आँखों के कारण धोके में पद जाये, लेकिन एक मधु मक्खी को धोका नहीं दिया जा सकता। मधु माखी आ करके हमेसा एक असली फूल पर ही बैठेगी।
तो ये थी एक छोटी सी कहानी, लाओत्सु के बुद्धि के बारे में।
Moral of Heart-Touching Motivational Story in Hindi
ये कहानी हमे सिखाती है "की अगर हम ध्यान दे, हमारे आस पास ही बड़ी से बड़ी समस्यायों को समाधान छुपा होता है।"
आसा करता हूँ के आपको ये “Heart-Touching Motivational Story in Hindi” पसंद आएगी, और आपके ज़िन्दगी के परेशानियों को हल करने में, मोटिवेशन मिलेगी। अगर पसंद आयी है, तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करे, जो अपने आपको एक अच्छा इंसान बनाना चाहते हों।
प्रोब्लेम्स – Heart-Touching Motivational Story in Hindi
एक बार एक आदमी जंगल से होते हुए अपने गांव जा रहा था। वह बड़े ही खुश था और बड़ी मजे के साथ अपनी कार चला रहा था। तो थोड़ी देर के बाद क्या हुआ की उसकी गाड़ी एक ब्रिज पर जाकर रुक गई। वह आदमी अपनी कार से बाहर आया, उसने देखा कि उसकी गाड़ी का एक टायर पंचर हो गया।
तो वो आदमी जितना खुस था, जितना मजे में था टायर पंचर होने के बाद उसका सारा मजा किरकिरा हो गया। उसने अपनी कार से स्टेपनी निकाली और पंचर वाले टायर के स्क्रू खोलने लगा। आपने देखा होगा कि एक टायर को चार स्क्रू लगी होती है।
तो जैसे ही उसने वह चार स्क्रू खोले, वह चारों के चार स्क्रू ब्रिज के नीचे जो नदी बह रही थी उसमें गिर गए। अब वह आदमी ऊपर देखने लगा और कहने लगा ” की एक मुसीबत क्या कम थी, कि तूने और एक बढ़ा दी! “
अब अपने आप को कोशने लगा, अपनी किस्मत को कोशने लगा कि मेरी किस्मत ऐसी ही है, मेरे साथ सब बुरा होता रहता है। उतने में जंगल से एक चरवाहा आ रहा था बकरी चराते हुए। उस आदमी के पास पहुंचा और उसे पूछने लगा कि ” सर क्या हुआ, कोई प्रॉब्लम हो गई है क्या? “
वो आदमी गुस्से में बोला कि ” जाओ तुम्हारा काम करो! यह तुम्हारे बस की बात नहीं है। ” तो उस चरवाह ने फिर से पूछा: सर बताइए! क्या आपकी गाड़ी खराब हो गई है? यहां दूर-दूर तक कोई मैकेनिक भी नहीं है! ” तो वो आदमी बोला ” मेरी गाड़ी का टायर पंचर हो गया है, लेकिन मैं स्टेफनी लगा ही रहा था की तभी चारों के चारों स्क्रू नदी में गिर गए।
फिर उस चरवाहे ने बोला ” यह तो बहुत आसान है! ” वह आदमी बोला ” कैसे? ” उसने बोला ” तीनों टायर के एक-एक स्क्रू निकालकर इस टायर में लगा दो! प्रॉब्लम सॉल्व।
देखा जाए तो जिंदगी में जितनी भी प्रॉब्लम आती है, सबका सॉल्यूशन है! लेकिन लोग सॉल्यूशन ही पर फोकस नहीं करते हैं, प्रॉब्लम को लेकर बैठ जाते हैं। जैसे मेरे साथ ही क्यों हुआ, ये मेरे साथ ही क्योँ होता है? बगेरा बगेरा।
अरे जो होना था हो गया, अब सॉल्व करने के लिए क्या करना है वह सोचो ना। अब हमें जिंदगी मिली है तो उसमें प्रॉब्लम तो होगी ही।
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Lautsu ke tarah, akalmand av koun hai? Btw acha story hai.
Behtar Story hai.. Lautsu 100IQ lagate the. 😁
Great Story