इस Small Hindi Story में, आपको कुछ ऐसा सिखने मिलेगा जो शायद ही आपको कहीं मिले। बेहतर relate करने के लिए पूरा कहानी पढ़ें।
Small Hindi Story – एक किसान!
एक बार की बात है, एक गांव में किसान रहता था। उस किसान को जानवर पालने का बहुत शौक था। उसके पास पहले से ही बहुत सारी भेंसे थी! जिनका दूध बेचकर वह अपना घर चलाया करता था। तो एक दिन उस किसान ने एक खरगोश और एक बंदर को भी अपने घर में पाल लिया।
अब काफी दिन गुजरने के बाद, उस किसान ने उस खरगोश और बंदर के साथ खेलने का सोचा। उस किसान ने अपने खेत में बहुत सारी छोटी-छोटी गड्ढे कर दिए। और फिर उन गढ़ों पर मिट्टी डालकर, उन गढ़ों को बंद कर दिया।
और किसी एक गड्ढे में उस किस ने एक गाजर को छुपा दिया। अब उस किसान ने खरगोश और बंदर को उस गाजर को ढूंढने के लिए कहा। खरगोश बहुत ही कॉन्फिडेंट था और उसे अपने आप पर बहुत विश्वास था।
उसने एक-एक गड्ढे को खोदना शुरू किया और गाजर ढूंढने लगा। लेकिन बंदर जो था वह बहुत ही नेगेटिव और आलसी था। उसने सोचा कि खेत में इतने सारे गड्ढे है और वह गाजर किसी एक गड्ढे में है! इतना कौन ढूंढेगए।
वह बंदर यह सोचकर, एक गड्ढे के ऊपर जाकर सो गया। अब उधर खरगोश अपनी पूरी मेहनत से गाजर ढूंढ रहा था। एक-एक करके खरगोश ने सारे गड्ढे देख लिए। लेकिन उसे किसी भी गड्ढे में गाजर नहीं मिली।
सिर्फ एक गड्ढा बाकी रह गया था जिसके ऊपर बंदर सो रहा था। अब खरगोश बंदर के पास जाता है और उसे उस गड्ढे पर से उठने के लिए कहता है। जैसे ही बंदर उस गड्ढे पर से उठता है, वैसे ही खरगोश गड्ढा खोदकर गाजर बाहर निकाल लेता है।
और अपने मालिक को ले जाकर दे देता है। बंदर यह देखकर हैरान हो जाता है! कि जिस गड्ढे के ऊपर वह इतनी देर से सो रहा था, गाजर उसी के अंदर थी। वो अगर एक बार खोद कर देख लेता, तो गाजर उसे मिल जाती।
और वह मालिक की नजरों में बड़ा बन जाता। यही सोचकर वह अपने किए पर पछता रहा था।
दोस्तों इस कहानी से हमें तीन बहुत बड़ी सीखे मिलती है: पहली ये है कि हमें कभी भी अपने काम के प्रति नेगेटिव नहीं सोचना चाहिए। जैसे उस बंदर ने सोचा! कि इतने सारे गड्ढे हैं और गाजर कि गड्ढे में है पता नहीं। यही सोच कर उसने उस काम को, अपने लिए बड़ा बना दिया।
और दूसरी सिख हमे इस कहानी से यह मिलती है: कि हमें एटलिस्ट कोशिश भी तो करनी चाहिए! क्योंकि हम जब तक कोशिश नहीं करेंगे, किस्मत भी हमारा साथ नहीं देगी। अगर वह बंदर जिस गड्ढे पर सोया हुआ था, वहां से ही गाजर को ढूंढना शुरू करता तो उसे गाजर मिल जाती। लेकिन उसने कोशिश ही नहीं किया।
और तीसरी सिख हमे इस कहानी से यह मिलती है; कि हमें जल्दी हार नहीं माननी चाहिए! अब हमें नहीं पता कि हमें अपने काम में कौन से साल में कामयाबी मिलेगी। वह 2025 हो सकता है, 2030 हो सकता है, या 2032 भी हो सकता है। लेकिन हमें कामयाबी तभी मिलेगी, जब हम पॉजिटिव सोच के साथ कोशिश करते रहेंगे और हार नहीं मानेंगे।
उम्मीद करती हूं दोस्तों आपको यह Small Hindi Story पसंद आई होगी! और इससे आपको बहुत कुछ सीखने को मिला होगा। इस कहानी को अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें और अपने फैमिली मेंबर के साथ भी शेयर करें, ताकि उनको भी यह सीख मिल सके।
2 thoughts on “3 सिख – Motivational and Small Hindi Story”