ये एक ऐसा Motivational Success Story Hindi में है, जो आपको तुम्हारा हकीकत बताएगा। की लाइफ में हमें कैसे ज़िन्दगी गुजारना चाहिए।
Motivational Success Story Hindi
एक वक्त की बात है, एक कव्वा एक पेड़ पर बैठा हुआ था। और वो कव्वा बहुत ही उदास और परेशान था। उस पेड़ पर बैठकर रो रहा था। पेड़ के नीचे बुजुर्ग बैठे हुए थे। जब उन्होंने उसे कौवे को दिखा, तो उससे पूछा कि ” तू रो क्यों रहा है?”
कव्वे ने कहा कि ” मैं अपनी इस काले रंग से और बेसुरी आवाज से बहुत परेशान हूं! जिसके भी घर के सामने बैठता हूं, वह लोग मुझे उड़ा देते हैं। ” मुझे कोई पसंद नहीं करता है तभी उन बुजुर्ग ने कौवे से पूछा ” फिर तू क्या बनना चाहता है? बोल मैं तुझे आज वो बना दूंगा! “
कव्वे को लगा कि जरूर यह कोई ज्ञानी बुजुर्ग है। आज मैं जो इनको बोलूंगा, ये मुझे वैसे ही बना देंगे। कव्वे ने कहा ” आप मुझे हंस बना दीजिए! ” मैं उसके जैसे बनना चाहता हूं। कितना सफेद और चमकदार होता है।
ये सुनने के बाद बुजुर्ग ने कहा ” मैं तुझे हंस तो बना दूंगा, लेकिन शर्त यह है कि तू पहले एक बार हंस से मिलकर आ। अब कव्वा खुशी-खुशी हंस के पास जाता है और उसे कहता है कि ” हंस तू कितना खुश-नसीब है! तू कितना सफेद और चमकदार है। ”
तू तो बहुत खुश रहता होगा। हंस ने कौवे से कहा कि ” तुझे ये किसने कहा? कि मैं खुश हूं! ” कव्वा ये सुनने के बाद हैरान हो गया। हंस ने कव्वे से कहा कि ” सफेद कलर भी कोई कलर है! जब पानी में तैरता हूं तो इस सफेद कलर की वजह से, दूर से किसी को नजर भी नहीं आता हूं।
कव्वे ने उससे कहा कि ” अगर तेरी जिंदगी इतनी खराब है, तो फिर तू क्या बनना चाहता है? ” हंस ने कहा अगर मुझे मौका मिले, तो मैं मिट्ठू की तरह बनना चाहता हूं! कितना मस्त हरे कलर का होता है।
ऊपर से उसकी चोंच लाल कलर की होती है। और वह सभी से बातें करता है। कौवा और हंस दोनों भी मिट्ठू को ढूंढने निकले। 3-4 चक्कर लगाने के बाद, उन्होंने मिट्ठू को एक पेड़ पर बैठा हुआ देखा।
ये दोनों भी उसके पास गए और उसे कहने लगे: की मिट्ठू भाई तेरी जिंदगी तो मस्त है यार! तू अपनी जिंदगी में बहुत खुश रहता होगा। मिट्ठू ने उन दोनों से कहा: तुम्हें यह किसने कहा कि मैं अपनी जिंदगी में खुश रहता हूं?
कव्वे ने कहा: तुझे क्या प्रॉब्लम है? मिट्ठू ने कहा: यह भी कोई रंग है, हरा कलर! पेड़ों के कलर में मिल जाता हूं। तुमने तीन चक्कर लगाए मुझे ढूंढने के लिए, मैं तुम्हें इन पेड़ों के बीच में नहीं दिखा।
अब कव्वे ने उससे कहा; फिर तू किसके जैसा बनना चाहता है? तो मिट्ठू ने कहा: कि अगर मुझे मौका मिले, तो मैं मोर की तरह बनना चाहूंगा। रंग-बिरंगा और खूबसूरत पर वाला! अब ये तीनों मोर के पास पहुंचे।
मोर को देखते ही तीनों ने मोर से कहा: की मोर भाई कितनी बढ़िया जिंदगी है तेरी, तू कितनी बढ़िया जिंदगी जीता है! तू जब बरसात में नाचता है, तो सारे लोग तुझे दूर-दूर से देखने के लिए आते हैं। तेरी जिंदगी तो मस्त है।
मोर ने उन तीनो से कहा: तुमसे किसने कहा कि, मैं अपनी जिंदगी में मस्त रहता हूं! अब कव्वे ने मोर से पूछा: क्या तू भी अपनी जिंदगी से खुस नहीं है? अब तुझे क्या प्रॉब्लम है! तभी मोर ने कहा: अब ध्यान से इस आवाज को सुनो! जो धीरे-धीरे हमारी तरफ बढ़ रही है।
कव्वे ने कहा: ये किसकी आवाज़ है? मोर बोला: शिकारी की! हर वक्त हमें शिकारियों से बचकर भागना पड़ता है। अगर किसी शिकारी ने हमें पकड़ लिया, तो हमारे एक-एक पर को हमारी बॉडी से नोच लेता है।
पूरी खूबसूरती हमारी छीन लेता है। फिर कव्वे ने मोर से कहा: फिर तू किसके जैसा बनना चाहता है? मोर ने कव्वे की तरफ देखकर कहा: कि मैं तेरे जैसा बनना चाहता हूं! तुझे किसी बात का टेंशन ही नहीं है। जहां मर्जी चाहे उड़ सकता है, जिस दिशा में चाहे जा सकता है।
किसी शिकारी से तुझे डरने की जरूरत नहीं है। क्योंकि कोई शिकारी तुझे पकड़ता ही नहीं है। और इंसान भी तुझे पकड़ कर पिंजरे में नहीं रखते हैं। तू अपनी मर्जी का मालिक है! तेरी जैसी जिंदगी में जीना चाहता हूं।
यह सुनने के बाद कव्वा हैरान हो गया! और कव्वा फिर से वापस उन बुजुर्ग के पास पहुंचा। उन बुजुर्ग ने कव्वे से कहा: क्या मैं तुझे हंस बना दूं? कव्वे ने उनकी तरफ देखा और मुस्कुराया और कहा: कि नहीं! मैं जैसा हूं वैसा ही ठीक हूं। मुझे अपनी जिंदगी बहुत पसंद है!
दोस्तों हमें इस कहानी से यह सीख मिलती है: कि अपने आप को कभी भी किसी दूसरे से कंपेयर / तुलना मत करो! क्योंकि इस पूरी दुनिया में आपका रोल, आपसे बेहतर कोई नहीं निभा सकता है।
दोस्तों सूरज और चांद के बीच में कभी कंपैरिजन नहीं होता। क्योंकि दोनों भी अपने-अपने समय पर चमकते हैं! और जब आप किसी दूसरे इंसान से अपने आप को कंपेयर करते हो, तो यकीन मानो आप अपने आप को ही इंसल्ट करते हो।
Nice story